November 25, 2024
asia khel ke janak kise kaha jata hai

एशियाई खेल के जनक किसे कहते हैं? | Father of Asian games

एशियाई खेलों को एशियाड के नाम से पहचाना जाता है। एशियाई खेल प्रत्येक 4 साल में एक बार आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिता होती है। जिसमें केवल और केवल एशिया के अंतर्गत आने वाले देशों के खिलाड़ी भाग लेते हैं।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि एशिया में कौन-कौन से खेल खेले जाते हैं या फिर एशियाई खेल के जनक किसे कहा जाता है? (Who is known as the father of Asian games?) यदि आप नहीं जानते और करना चाहते हैं तो आज के लेख में हम आपको एशियाई खेलों के जनक के बारे में जानकारी देंगे।

एशियाई खेल कौन से हैं?

एशिया के अंतर्गत मुख्य प्रतियोगिता में खेले जाने वाले खेल एशियाई खेल कहलाते हैं, और यह विभिन्न प्रकार से वर्जित किए जा सकते हैं। हालांकि इनके नाम कुछ इस प्रकार है – जल फ्रीडा का खेल, तीरंदाजी, बैडमिंटन, बेसबॉल, बास्केटबॉल, गेंदबाजी, बॉक्सिंग, क्रिकेट, रोलर खेल, कराटे, कबड्डी, हॉकी, जिमनास्टिक, गोल्फ, फुटबॉल, आइस स्केटिंग, घुड़सवारी, ड्रैगन नौका का खेल, साइकिलिंग करना, डांस करना, साइकिलिंग का खेल, रग्बी, पोलो का खेल, नौकायन, निशानेबाजी, सॉफ्टबॉल का खेल, स्क्वैश, टेबल टेनिस, तैराकी, गोताखोर, वाटर पोलो, ताइकांडो, टेनिस, वॉलीबॉल, कुश्ती, वुशू यह सभी खेल एशियाई खेलों में खेले जाने वाले खेल है।

एशियाई खेल के जनक किसे कहते हैं?

Father of Asian Games

एशियाई खेल के जनक के रूप में “गुरुदत्त संधि” को पहचाना जाता है, यानी कि एशियाई खेलों के जनक के रूप में गुरुदत्त संधि का नाम सबसे पहले लिया जाता है। पिछले 60 साल से ओलंपिक का खेल पूरी दुनिया में खेला जा रहा है, जिसमें चीन जापान कोरिया का भी दबदबा रहा है। लेकिन इस खेल महाकुंभ के जनक के रूप में शिक्षाविद् और खेल प्रशासक गुरुदत्त संधि रहे थे।

गुरुदत्त सोंधी कौन है?

गुरुदत्त सोंधी का जन्म 10 दिसंबर 1890 को वर्तमान समय के पाकिस्तान लाहौर पंजाब प्रोविंस में हुआ था। उस समय इसे ब्रिटिश इंडिया के अंतर्गत देखा जाता था, और इनकी मृत्यु भारत में हुई थी जो कि 20 नवंबर 1964 को हुई थी।

गुरुदत्त संधि तीन बार भारतीय ओलंपिक टीम के मैनेजर भी रहे हैं। इनका तालुक भारत के स्पोर्ट्स एडमिनिस्ट्रेशन से था। यह वेस्टर्न एशियाटिक गेम्स के फाउंडर ही है, साथ ही एशियन गेम्स फेडरेशन के अध्यक्ष भी रहे हैं, जिसे पहले एशियाड के तौर पर जाना जाता है। एशियन गेम्स के इनौग्रेशन के समय यह नई दिल्ली के इंडियन ओलंपिक एसोसिएशनके सेक्रेटरी की भूमिका निभा रहे थे।

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निष्कर्ष

आशा है या आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया हुआ इस आर्टिकल में हमने बताया (एशियाई खेल के जनक किसे कहा जाता है? | asia game ke janak kise mana jata hai in hindi) के बारे मे संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ भी Share कर सकते हैं अगर आपको कोई भी Question हो तो आप हमें Comment कर सकते हैं हम आपका जवाब देने की कोशिश करेंगे।

FAQ

प्रथम एशियाई खेलों का शुभंकर क्या था?

शुभंकर दिखाने वाला पहला एशियाई खेल नई दिल्ली 1982 था। पहला शुभंकर, अप्पू, एक हाथी, चुना गया था। पहली बार एशियाई खेलों का आयोजन 1951 में नई दिल्ली में हुआ था। एशियाई खेलों को 1951 से 1978 तक एशियाई खेल महासंघ द्वारा नियंत्रित किया गया था।

एशियाई खेलों का आदर्श वाक्य क्या है?

एशियाई खेलों का आदर्श वाक्य ‘एवर ऑनवर्ड’ है, जिसे भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दिया था। एशियाई खेलों का प्रतीक इंटरलॉकिंग रिंग के साथ ‘उज्ज्वल पूर्ण उगता सूरज’ है। एशियाई खेलों का 2018 संस्करण जकार्ता, इंडोनेशिया में आयोजित किया गया था और 2022 संस्करण हांग्जो, चीन में आयोजित किया जाएगा।

भारत में एशियन गेम्स कितनी बार हुए हैं?

सही उत्तर दो है। भारत ने दो बार यानी 1951 और 1982 में एशियाई खेलों की मेजबानी की है। भारत ने 1951 में आयोजित खेलों के पहले संस्करण की मेजबानी की थी।

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