April 20, 2024
khel bro game

लूडो गेम क्या है? इतिहास, शुरुआत, नियम और कैसे खेला

दोस्तों, आज के समय लूडो का गेम काफी मनोरंजक गेम है जिसे लगभग सभी घरों में खेला जाता है। लेकिन क्या आप लूडो के खेल का इतिहास जानते हैं कि लूडो की शुरुआत कहां से हुई? तथा प्राचीन समय में इसे किस नाम से जाना जाता था? आज के समय लूडो का खेल कैसे खेला जाता है? और लूडो का खेल खेलने के क्या नियम है?

यदि आप इन सब के बारे में नहीं जानते लेकिन जानना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आये हैं क्योंकि आज हम आपको लूडो के खेल के बारे में सारी जानकारी देंगे। तो चलिए शुरू करते हैं:-

लूडो गेम क्या है? | Ludo game kya hai

लूडो गेम एक प्रकार से चौसर गेम का सॉफ्टवेयर वर्जन है। लूडो गेम को खेलने के लिए कम से कम 2 और अधिक से अधिक 4 लोग होने आवश्यक है। यह खेल बड़ा ही आकर्षक और मनोरंजक खेल है। यह पर 4 में से कोई एक व्यक्ति ही विजेता बन पाता है, और एक के विजेता बनते हैं अन्य चार खिलाड़ी हार जाते हैं।

पुराने समय में यह खेल खेलने के लिए चीजों को दाव पर भी लगाया जाता था और यह पैसे कमाने का एक अच्छा खेल था। आज भी कई लोग लूडो का गेम खेल कर पैसे कमाते हैं। लूडो के खेल में एक लूडो का प्लेटफार्म होता है तथा लूडो का प्लेटफार्म चार भागों में बटा हुआ होता है।

हर भाग एक खिलाड़ी का घर होता है। यहां पर चार खिलाड़ी एक साथ खेल सकते हैं, और कम से कम 2 खिलाड़ी यह खेल खेलने के लिए आवश्यक है। यहां पर प्लेटफार्म के अलावा गोटिया होनी आवश्यक है। गोटियां और प्लेटफार्म के अलावा एक पासे भी मौजूद होते है जिसे उछाल कर यह तय किया जाता है कि कौन सी काठी या गोटी कितनी लंबी चाल चलेगी।

यदि कोई भी गोटी सबसे पहले चारों घरों की परिक्रमा पूरी करके केंद्र में जाकर बैठ जाती है, तो वह गोटी विजेता बनती है, और उस गोटी का खिलाड़ी लूडो का खेल जीत जाता है।

लूडो गेम का इतिहास क्या है? | ludo game ka itihas in hindi

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लूडो का खेल प्राचीन समय से ही खेला जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि महाभारत के काल में भी कौरवों और पांडवों के मध्य चौसर का खेल हुआ था। यह चौसर का खेल बिल्कुल लूडो की तरह ही दिखता है। लूडो का इतिहास यह भी बताता है कि एलोरा की गुफाओं में छठी शताब्दी के दौरान यह खेल खेला जाता था।

लूडो के खेल अर्थात चौसर के खेल को महाभारत काल में कौरव और पांडवों के मध्य खेला गया था। जहां कौरवों के और से खेलने वाले शकुनी गए षड्यंत्र करके चौसर का खेल जीता, तथा अंत में युधिष्ठिर को मजबूर किया कि वह सब कुछ वापस प्राप्त करने के लिए अपनी पत्नी द्रौपदी को दांव पर लगा दे।

युधिष्ठिर ने द्रौपदी को दांव पर लगा दिया लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं। बल्कि युधिष्ठिर ने द्रौपदी को भी खो दिया। जिसके पश्चात द्रोपदी का भरपूर अपमान किया गया और जो कुरु वंश के द्वारा किये गए इस अपमान पर द्रौपदी ने पूरे कुरु वंश को श्राप दिया, जिसके पश्चात पूरा कुरुवंश महाभारत के युद्ध के पश्चात नष्ट हो गया। इस खेल को चौपड़ या चौसर के नाम से भी जाना जाता है।

लूडो गेम की शुरुआत कब हुई? | ludo game ke shuruaat kab hui thi in hindi mein bataiye 

लूडो गेम की शुरुआत अर्थात लूडो मोबाइल गेम की शुरुआत लूडो किंग के द्वारा की गई जो कि 26 फरवरी 2016 को लांच किया गया था। आज के समय तक तकरीबन 5 करोड से अधिक लोग लूडो का खेल डाउनलोड कर चुके हैं।

यह प्ले स्टोर पर अवेलेबल है इसे बनाने वाले व्यक्ति का नाम विकास जयसवाल है, और आज के समय यह गेम Android, iOS, Windows, Android TV इन सभी के लिए अवेलेबल है।

लूडो गेम कैसे खेला जाता है? | ludo game kaise khela jata hai 

लूडो का खेल खेलने के लिए कम से कम 2 लोग और अधिक से अधिक 4 लोगों की आवश्यकता होती है। क्योंकि इसका प्लेटफार्म चार भागों में विभक्त किया जाता है। लूडो का खेल खेलने के लिए लूडो का प्लेटफार्म लूडो की गोटिया तथा एक पासे की आवश्यकता होती है, जो लूडो के गेम में अवेलेबल होता है।

इसके पश्चात बारी बारी से हर खिलाड़ी को अपनी चाल चलने का मौका मिलता है। चाल चलने के लिए एक खिलाड़ी पासे को उछालता है, और पासे के ऊपरी छोर पर जितने भी अंक दर्ज होते हैं उतने अंको की चाल एक गोटी चलती है।

यह खेल खेलने वाले व्यक्ति पर निर्भर करता है कि उसकी कौन सी गोटी वह चाल चलेगी। यदि किसी परिस्थिति में एक व्यक्ति की गोटी अपनी चाल को पूरा करते समय किसी अन्य व्यक्ति की कोठी पर जाकर बैठ जाती है, तो यदि वह स्थान सुरक्षित नहीं है तो प्रथम समय पर जहां जो गोटी बैठी हुई थी वह वापस से अपने घर में बंद हो जाएगी।

लूडो खेलने के लिए क्या नियम है? | ludo khelne ke liye kya niyam hai

लूडो खेलने का नियम बड़ा ही आसान है:-

  • लूडो खेलने के लिए सबसे पहले एक व्यक्ति को लूडो के खेल का भाग बनना होगा। अर्थात लूडो में जो 4 भाग होते हैं किसी भी एक भाग पर उसे अपना नियंत्रण प्राप्त करना होगा।
  • इसके पश्चात उसके अधिकार में लूडो का खेल का एक भाग तथा चार गोटियां आ जाएंगे।
  • इसके पश्चात यह खेल में कम से कम 2 और अधिक से अधिक 4 लोग एक साथ खेल सकते हैं।
  • कई लूडो के गेम ऐसे भी होते हैं जिसमें 8 लोग एक साथ खेल सकते हैं।
  • इसके पश्चात हर व्यक्ति को अपने पासे को उछालने का मौका मिलेगा यदि पासे को उछालने पर छह नंबर आता है। तो खिलाड़ी अपने घर से एक गोटी निकाल सकता है।
  • यदि एक व्यक्ति के लगातार तीन बार छह आ जाते हैं तो वह अपनी पहले वाली पुनरावस्था में लौट जाएगा।
  • जो भी व्यक्ति चारों घरों का चक्कर लगाते हुए सबसे पहले केंद्र में पहुंच जाएगा, वह व्यक्ति विजेता घोषित कर दिया जाएगा।

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अंतिम विचार

आज के लेख में हमने आपको लूडो गेम के बारे में सारी जानकारी प्रदान की है। हम आशा करते हैं कि आज का लेख पढ़ने के पश्चात आप लूडो गेम के बारे में सारी जानकारी प्राप्त कर पाएंगे। यदि आपको यह सवाल पूछना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।

FAQ

लूडो में कैसे जीता जा सकता है?

आप दो से चार खिलाड़ियों के साथ लूडो खेल सकते हैं। प्रत्येक खिलाड़ी को बोर्ड पर चार रंगों में से एक और एक ही रंग के टुकड़ों को चुनना होता है। जेब के टुकड़े अभी तक खेल में शामिल नहीं हैं। वे तब तक रहेंगे जब तक आप उन्हें चलाना शुरू नहीं करते।

लूडो क्यों खेला जाता है?

ऐसे में ज्यादातर लोग घर में रहकर कुछ ऐसा ही करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे उनका टाइम पास हो जाए. कई लोग खाना बनाना, पेंटिंग करना, घर की साज-सज्जा जैसे काम सीखकर खुद को व्यस्त रख रहे हैं तो कुछ परिवार में मनोरंजक गतिविधियों के लिए ऑनलाइन गेम खेलना पसंद कर रहे हैं। ऑनलाइन गेम्स की बात करें तो लूडो किंग इन दिनों काफी चर्चा में है।

लूडो का आविष्कार कब हुआ था?

इतिहास में पचीसी का सबसे पहला उल्लेख हमें 16वीं शताब्दी में मुगल सल्तनत के सबसे प्रभावशाली राजा अकबर के दरबार में मिलता है, उन्होंने फतेहपुर सीकरी के दरबार में एक विशाल पचीसी बोर्ड बनवाया। इस गेम पर हुई रिसर्च के मुताबिक यह गेम 2000 साल से भी ज्यादा पुराना है।

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