October 8, 2024
cricket match me kitne umpire hote hai

क्रिकेट मैच में कितने अंपायर होते हैं? | umpire in cricket match

दोस्तों क्रिकेट का मैच भारत समेत विश्व के कई देशों में सर्वाधिक खेला जाता है और देखा भी जाता है। लेकिन कई बार लोगों को क्रिकेट के मैच में अंपायर की भूमिका समझ में नहीं आती। कई लोगों को तो यह भी नहीं पता होता कि क्रिकेट मैच में कितने अंपायर होते हैं (cricket match mein kitne Umpire hote hain)। यदि आप भी क्रिकेट में अंपायर के बारे में जानना चाहते हैं, और यह जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं कि क्रिकेट मैच में कितने अंपायर होते हैं।

तो आज की लेकिन हम आपको इसके बारे में सारी जानकारी देते हुए बताएंगे कि क्रिकेट मैच में कितने अंपायर होते हैं (cricket me kitne umpire hote hain), अंपायर का मतलब क्या होता है, अंपायर की सैलरी क्या होती है, उनका कार्य क्या होता है? इन सब के बारे में आज हम आपको सारी जानकारी देंगे। तो चलिए शुरू करते हैं –

अंपायर कौन होता है? | Umpire kon hota hai

दोस्तों, क्रिकेट अंपायर क्रिकेट के अंतर्गत एक व्यवस्थापक होता है जो मैदान में क्रिकेट से संबंधित किसी भी फैसले को सुलझाने की शक्ति और वैधानिक अनुभव रखता है। आमतौर पर एक अंपायर क्रिकेट की पिच के पास खड़ा होता है।

वह कई इशारों के माध्यम से यह जानकारी देता है, कि क्रिकेट के अंतर्गत खेले जा रहे मैच में कौन सी टीम कितने रन बना रही हैं, कौन आउट हो रहा है, कोई सही से खेल रहा है या नहीं, और क्रिकेट के नियमों के बारे में भी एक अंपायर सबसे अधिक जानता है।

क्रिकेट के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति अंपायर बनना चाहता है तो इसके लिए कई प्रकार की परीक्षाएं और पड़ाव पार करके अंपायर बना जा सकता है, और क्रिकेट में अंपायर का सिलेक्शन भारत के अंतर्गत BCCI करता है।

आज किसी के पास 105 रिजर्व अंपायर हैं और 105 में सभी top 20 अंपायर को प्रतिदिन ₹40,000 की सैलरी दी जाती है, और बाकी अंपायरों को एक मैच के लिए ₹20,000 की सैलरी प्रदान की जाती है।

अंपायर क्या करता है? | umpire kya karta hai

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क्रिकेट खेल में कितने अंपायर होते हैं? | cricket me kitne umpire unit hote hai

अंपायर का कार्य अपने आप में एक विचित्र कार्य होता है। क्रिकेट के अंपायर को मूल रूप से क्रिकेट के मैच के दौरान और क्रिकेट के मैच से पहले पूरे ग्राउंड का जायजा लेना होता है।

साथ ही साथ मैच के दौरान क्रिकेट के खेल के समय दोनों टीमों में बराबरी से बिना पक्षपात किए अपने निर्णय लेने होते हैं, जैसे कि छक्का मारना, चौका मारना, और आउट होना, इन सब के बारे में सभी प्रकार की जानकारी अंपायर के पास होना आवश्यक है।

उलझन की परिस्थिति में एक अंपायर, दुसरे और तीसरे अंपायर को भी सूचित कर सकता है। एक क्रिकेट के मैच में एक समय पर तीन अम्पायर उपस्थित होते हैं। एक पिच पर होता है, और दूसरा बाउंड्री के बाहर और तीसरा स्लो मोशन टीवी स्क्रीन के पीछे होता है।

एक क्रिकेट अंपायर अलग-अलग तरीकों से इशारे करते हुए क्रिकेट में अपना निर्णय लेता है, और बल्लेबाजी करते समय गेंदबाजी करते समय खिलाड़ियों को बड़े ध्यान से देखता है। और यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक बार खिलाड़ी क्रिकेट के नियमों की पालना पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करें।

क्रिकेट में अंपायर कितने प्रकार के होते हैं

एक क्रिकेट के मैच के समय क्रिकेट में मूल रूप से तीन अंपायर उपस्थित होते हैं, पहले दो अंपायर मैदान में उपस्थित होते हैं। उन दोनों में से एक अंपायर बाउंड्री के अंतर्गत और दूसरा बाउंड्री के बाहर होता है।

तीसरा अंपायर टीवी स्क्रीन के पीछे होता है, जो अनेकों कैमरा के द्वारा हर एंगल से यह देखता है कि गेंद किस परिस्थिति में फेंकी गई है, बल्लेबाज की क्या स्थिति है, कहीं गलती से कोई खिलाड़ी आउट हुआ है, नहीं हुआ है, छक्का लगा है, चौका लगा है, क्या नो-बॉल है, बोल्ड हुआ है, इन सब की जानकारी थर्ड अंपायर पहले अंपायर को देता है।

अंपायर के इशारों का मतलब क्या होता है?

दोस्तों अंपायर के इशारों के मतलब कुछ इस प्रकार होते हैं-

  • यदि अंपायर अपना एक हाथ ऊपर उठाकर उंगली ऊपर करता है तो इसका मतलब होता है कि खिलाड़ी आउट हो गया है, अर्थात बल्लेबाज आउट हो गया है।
  • यदि अंपायर अपने दोनों हाथ क्रॉस करते हुए अपने कंधे पर रखता है तो इसे कैंसिल कॉल कहा जाता है।
  • यदि अंपायर अपना दाया बाजू सीधा करके अपनी घड़ी की और अपनी दूसरे हाथ से इंगित करता है तो इसका मतलब है कि यह अंतिम घंटा है।
  • यदि हम पर अपना एक हाथ में चक्र अपने दूसरे हाथ से अपने पहले हाथ वाले कंधे पर अपना हाथ रखता है तो इसे पेनल्टी रन कहा जाता है।
  • यदि एंपायर अपना एक हाथ आगे रखते हुए दूसरा हाथ ऊपर उठाता है और अंपायर अपनी मुट्ठी दबाए हुए रहता है तो इसे नई गेंद कही जाती है।
  • यदि अंपायर अपने दोनों हाथ नीचे करके अपने दोनों हथेलियों से रोज की पोजीशन बनाता है तो इसे डेड बॉल कहा जाता है।
  • यदि अंपायर अपना बायाँ बाजू सीधा करता है और एक हाथ नीचे रखता है, जिसमें सीधे बाजू वाले हाथ का अंगूठा ऊपर की तरफ छोटी उंगली नीचे की तरफ होती है, तो इसका मतलब नो-बोल कहा जाता है।
  • यदि एंपायर अपने दोनों हाथ अपने हाथों की दिशाओं में सीधे फैला देता है, तो इसका मतलब वाइड गेंद होता है।
  • यदि अंपायर अपने कंधे पर अपना बाया हाथ ऊपर उठाकर अपने कंधे पर रखता है, तो इसका मतलब वनशॉट होता है।
  • यदि अंपायर एक हाथ अपनी कमर पर और दूसरा हाथ अपनी जान को पर लगता है तो इसका मतलब लेग बाय होता है।
  • यदि अंपायर एक हाथ अपनी जान पर रखकर दूसरा हाथ हवा में लहराता है तो इसका मतलब बाय होता है।
  • यदि अंपायर दोनों हाथ ऊपर उठाकर अपने दोनों हाथों की पहली उंगली ऊपर उठा लेता है तो इसका मतलब 6 रन को प्रदर्शित करता है।
  • यदि अंपायर एक हाथ पीछे रखते हुए या नीचे रखते हुए दूसरे हाथ से बाएं से दाएं की ओर सीधे करते हुए अपना हाथ ले जाता है तो इसका मतलब चौका होता है।
  • यदि अंपायर अपने हाथों से हवा में एक टीवी स्क्रीन जैसा आयताकार निशान बनाने की कोशिश करता है तो इसका मतलब है कि थर्ड अंपायर को टीवी रिप्लाई के लिए बुलाया जा रहा है।

निष्कर्ष

दोस्तों, आज के लेख में हमने आपको यह जानकारी दी कि क्रिकेट में कितने अंपायर होते हैं? (cricket me kitne umpire use hote hai)। इसके अलावा हमने आपको अंपायर के बारे में और भी कई प्रकार की जानकारी उपलब्ध कराई है जो आपके लिए निश्चित रूप से जानना जरूरी है।

हम आशा करते हैं कि आज का हमारा यह लेख पढ़कर आप समझ चुके होंगे कि क्रिकेट में अंपायर का क्या योगदान होता है और क्रिकेट में कितने अंपायर होते हैं? (cricket me kitne umpire se hote hai).

जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। यदि आपके मन में इस लेख से संबंधित कोई सवाल है जो आप हमसे पूछना चाहते हैं तो कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।

FAQ

अंपायर का क्या कार्य है?

अंपायर और रेफरी स्पोर्ट्स टीम का हिस्सा हैं। वे खेल के नियमों और विनियमों की निगरानी करते हैं और उन्हें लागू करते हैं, ताकि खेल निष्पक्ष रूप से खेला जा सके। वे खेल के स्तर और प्रकार के अनुसार एक दूसरे का ख्याल रखते हैं और दबाव का सामना करते हैं।

अंपायर की उम्र कितनी होनी चाहिए?

प्रथम श्रेणी मैचों में अंपायरिंग करने वाले अंपायर की उम्र 55 वर्ष है, इसके अलावा वनडे में अंपायरिंग करने वाले अंपायर की उम्र 58 और टेस्ट मैचों में अंपायरिंग करने वाले अंपायर की उम्र 60 वर्ष है।

थर्ड अंपायर का क्या काम होता है?

थर्ड अंपायर के पास अभी भी काफी ताकत है। अगर डीआरएस लिया जाता है तो वह मैदानी अंपायर के फैसले को बदल सकता है। इसके अलावा गेंदबाज की नो बॉल पर भी थर्ड अंपायर की नजर रहती है. तीसरा अंपायर गेंदों की ऊंचाई और उन पर बने कैच को करीब से देखने के बाद अपना फैसला करता है।

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