April 18, 2024
cricket ke gande lal kyu hota hai in hindi

क्रिकेट की गेंद लाल क्यों होती है? और वजन कितना होता है?

दोस्तों, क्रिकेट के संदर्भ में कई प्रकार की ऐसी जानकारियां है जो कई बार आसानी से नहीं समझी जा सकती। यानी कि समझने में मुश्किल होती है। यदि हम क्रिकेट की गेंद के बारे में ही बात करें तो आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि ODI मैचों में अलग होती है, टी20 मैचों में अलग गेंद इस्तेमाल होती है, तथा टेस्ट मैचों में अलग गेंद इस्तेमाल होती है।

हालांकि इसके कई विशेष कारण भी है जो हम आपको आज बताने वाले हैं। यदि आप भी यह जानना चाहते हैं कि क्रिकेट की गेंद लाल क्यों होती है (cricket ke gand lal kyu hota hai), तो आज हमारे साथ इस लेख में अंत तक जुड़े रहिएगा। क्योंकि आज हम आपको क्रिकेट के संबंध में ही यह बताएंगे कि क्रिकेट की गेंद लाल क्यों होती है (cricket ball red kyu hota hai)। तो चलिए शुरू करते हैं:-

क्रिकेट में कितने प्रकार

दोस्तों, क्रिकेट में आमतौर पर लाल, सफेद और गुलाबी रंग की गेंद इस्तेमाल की जाती है। क्रिकेट में आमतौर पर परंपरागत तरीके से केवल लाल गेंद का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन समय के साथ क्रिकेट में सफेद और गुलाबी गेंद भी इस्तेमाल की जाने लगी।

सन 1937 से क्रिकेट के क्षेत्र में सफेद गेंद का आगमन हो गया। सफेद गेंद का उपयोग मूल रूप से टेस्ट मैच में नहीं किया जाता है, बल्कि ओडीआई मैच में या T20 इंटरनेशनल मैचों में इसका उपयोग किया जाता है। इसके अलावा टेस्ट मैचों में लाल गेंद का उपयोग किया जाता है।

दोस्तों क्रिकेट का खेल तो महत्वपूर्ण होता ही है, लेकिन इसके अंतर्गत गेंद का योगदान भी अपने आप में अधिक महत्वपूर्ण होता है। इसके बिना क्रिकेट होता ही नहीं है।

जिस प्रकार से क्रिकेट का खेल अधिक संरचित होता गया था वैसे वैसे क्रिकेट के खेल में सफेद गेंद का उपयोग लोकप्रिय होने लगा।

इसके पश्चात कुछ मैचों में हरी केंद्र का उपयोग भी किया जाने लगा लेकिन बाद में हरी गंज को गुलाबी के साथ रिप्लेस कर दिया गया, और इस प्रकार लाल सफेद और गुलाबी घंटे क्रिकेट का हिस्सा बन गई।

क्रिकेट की गेंद लाल क्यों होती है?

cricket ball red kyu hota hai

क्रिकेट में लाल गेंद का इस्तेमाल करना अपने आप में एक तार्किक तथ्य स्थापित करता है। लाल गेंद का उपयोग इस लिए भी किया जाता है क्योंकि प्रकाश की रोशनी में और अंधेरे में भी लाल रंग किसी अन्य रंग की तुलना में अधिक ज्यादा नजर आता है, हांलाकि यह अँधेरे में कम चमकीला होता है।

लाल गेंद T20 मैच और वनडे मैचों को पूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती है। इसलिए लाल गेंद को मूल रूप से टेस्ट मैचों में इस्तेमाल किया जाता है। जबकि सफेद केंद्र को वनडे और टी-20 मैचों में ज्यादातर इस्तेमाल किया जाता है।

अब आप सोच रहे होंगे कि यदि किसी भी अन्य रंग की तुलना में लाल गेंद यदि अधिक दिखाई देती है तो उसका इस्तेमाल बाकी क्रिकेट के फॉर्मेट में क्यों नहीं किया जाता?

तो इसका जवाब यह है कि वनडे फॉर्मेट में या t20 फॉर्मेट में एक लंबे समय तक क्रिकेट खेलने के लिए जैसी दृश्यता की आवश्यकता होती है। वह दृश्यता लाल गेंद से नहीं आ सकती।

क्योंकि लंबे समय तक लाल गेंद का इस्तेमाल करने पर वह आंखों से ओझल होने लगती है, जब वहीँ सफेद गेंद के साथ ऐसा नहीं है। सफेद रंग के आमतौर पर लाल रंग की तुलना में अधिक चमकदार होता है, जिसे अंधेरे में भी आसानी से देखा जा सकता है।

जबकि लालगेंद को आसानी से नहीं देखा जा सकता है। यही कारण है किटी20 मैच और वनडे मैचों में सफेद गेंद का उपयोग किया जाता है, जबकि टेस्ट मैच में लाल गेंदों का उपयोग क्रिकेट में किया जाता है।

क्रिकेट की गेंद का वजन कितना होता है?

दोस्तों, क्रिकेट की गेंद का वजन आमतौर पर 155_9 से लेकर 163_0 ग्राम के मध्य होता है, और यह कहा जाता है कि क्रिकेट की गेंद का वजन 155_9 ग्राम से कम नहीं होना चाहिए और 163_0 ग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए। साथ की क्रिकेट की गेंद 22_4 सेंटीमीटर की परिधि से छोटी नहीं होनी चाहिए और 22_9 सेंटीमीटर की परिधि से बड़ी नहीं होनी चाहिए।

क्रिकेट बॉल बनाने में कितना समय लगता है?

क्रिकेट की गेंद बनाने के लिए, अर्थात क्रिकेट की एक गेंद को बनाने के लिए यानी कि एक लाल गेंद को बनाने के लिए 3_5 घंटे का समय लगता है, और लोगों के द्वारा की गई मजदूरी लगती है तब जाकर एक गेम तैयार होती है। इसकी कीमत और तौर पर ₹240 से ₹1,00,000 तक हो सकती है।

निष्कर्ष

दोस्तों, आज के लेख में हमने आपको यह बताया कि क्रिकेट में कितने प्रकार की गेंदे होती है, और क्रिकेट की गेंद लाल क्यों होती है (cricket ke gande lal kyu hota hai in hindi)। इसके अलावा हमने आपको यह भी बताया कि क्रिकेट की गेंद का वजन कितना होता है, और क्रिकेट बॉल बनाने में कितना समय लगता है।

दोस्तों हम आशा करते हैं कि आज का हमारा यह देख पढ़कर आप समझ चुके होंगे कि क्रिकेट की गेंद लाल क्यों होती है (cricket ke boll lal kyu hota hai)। जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। यदि आपके मन में इस लेख से संबंधित कोई सवाल है जो आप हमसे पूछना चाहते हैं तो कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *